Ixigo ने इस बैंक के साथ मिलकर लॉन्‍च किया ट्रैवल क्रेडिट कार्ड, मिलेगी ये सुविधा – BWHindi

AU और Ixigo की साझेदारी में सामने आया ये कार्ड हर साल 8 रेलवे और 8 घरेलू हवाई अड्डों के लाउंज में एक्‍सेस की सुविधा देगा. ये क्रेडिट कार्ड ट्रेन और बस में टिकट कराने पर डिस्‍काउंट ऑफर कर रहा है.
बैंकों और ट्रैवल कंपनियों की साझेदारी से आने वाले क्रेडिट कार्ड ग्राहकों के लिए हमेशा से ही नई सुविधाएं और नए फायदे लेकर आते हैं. अब इसी कड़ी में AU Small Finance Bank ने ट्रैवल कंपनी Ixigo के साथ मिलकर ट्रैवल कार्ड लॉन्‍च किया है. बैंक का दावा है कि इस साझेदारी में सामने आए इस कार्ड में सिर्फ एयर ट्रैवल में ही फायदा नहीं मिलेगा बल्कि रेल और बस में भी फायदा मिलेगा. 
क्‍या-क्‍या मिलेगा इस कार्ड में? 
इस कार्ड में मिलने वाली सुविधाओं में सबसे अहम बात ये है कि अगर आप फ्लाइट टिकट बुक कराते हैं तो आपको 10 प्रतिशत इंस्‍टेंट डिस्‍काउंट दिया जाएगा. अगर आप ट्रेन की टिकट बुक कराते हैं तो जीरो पेमेंट गेटवे चार्ज लगेगा और 20 रिवॉर्ड प्‍वॉइंट भी मिलेंगे जिनकी वैल्‍यू 200 रुपये तक होगी. इसी तरह अगर आप इस कार्ड से बस की टिकट बुक करते हैं तो उस पर आपको 10 प्रतिशत का सीधा डिस्‍काउंट भी मिलेगा. इस कार्ड से ग्राहक लेनदेन पर 1 फीसदी फ्यूल सरचार्ज डिस्काउंट का भी लाभ मिलेगा, जिससे हर ड्राइव कॉस्ट-इफेक्टिव हो जाएगी. कार्ड की नाममात्र एनुअल फीस 999 + जीएसटी है, जो शुरुआती 30 दिनों में सिर्फ 1000 रुपये खर्च करने पर माफ हो जाएगी. इसके अलावा, न्यूनतम 1 लाख रुपये खर्च के साथ अगले साल के लिए एनुअल फीस भी माफ कर दी जाएगी.
क्‍या बोले इक्सिगो के ग्रुप सीईओ?  
इस कार्ड के लॉन्‍च पर इक्सिगो के को-फाउंडर एंड ग्रुप सीईओ आलोक बाजपेयी ने कहा, इक्सिगो में हम प्रोडक्‍ट इनोवेशन और यात्रा को सहज बनाने वाली सेवाओं पर ध्‍यान देते हैं.  हम अपने को-ब्रांडेड क्रेडिट कार्ड के लॉन्च के लिए एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक के साथ साझेदारी करके रोमांचित हैं. यह सहयोग यात्रियों को एक बिना रुकावट, फायदेमंद और यादगार यात्रा प्रदान करने के हमारे मिशन में एक महत्वपूर्ण कदम है. इस इनोवेटिव कार्ड के साथ, हमारा लक्ष्य यात्रा अनुभव को बेहतर बनाना है, जिससे ग्राहकों को कई तरह के बेनेफिट के साथ-साथ क्रेडिट तक पहुंच प्रदान की जा सके. 
क्‍या बोले AU Small Finance के CEO? 
इस कार्ड के लॉन्‍च के मौके पर अपनी बात रखते हुए कहा कि एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक के फाउंडर, एमडी और सीईओ संजय अग्रवाल ने कहा, ‘वर्ल्ड ट्रैवल एंड टूरिज्म काउंसिल (डब्ल्यूटीटीसी) की रिसर्च  से पता चलता है कि ट्रैवल सेक्टर कोरोना से पहले के स्‍तर को पार करते हुए अनुमानित 20.7% सालाना ग्रोथ के साथ तेजी से बढ़ रहा है. यह ग्रोथ 2023 में भारतीय पर्यटकों के बीच एक मजबूत खर्च के ट्रेंड का संकेत देती है.
इसे ध्यान में रखते हुए, एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक ने ट्रैवल को लेकर उत्‍साहित लोगों को अनूठी बैंकिंग सेवाएं प्रदान करने के लिए, नेक्‍स्‍ट बिलियन यूजर्स को सेवाएं देने के लिए इक्सिगो के साथ साझेदारी की है. इक्सिगो-एयू क्रेडिट कार्ड एयू के बैंकिंग इनोवेशन और इक्सिगो की ट्रैवल एक्‍सपर्टीज को प्रदर्शित करता है, जो रिवार्ड और सुविधा के एक नए युग की शुरुआत कर रहे हैं.
 
उन्‍होंने कहा कि मौजूदा समय में कई देशों में 4 दिन सप्‍ताह में काम हो रहा है. उन्‍होंने ये भी कहा कि हमें रिसर्च पर ज्‍यादा निवेश करने की जरूरत है. 
नारायण मूर्ति के 70 घंटे काम करने के बयान पर अब जेरोधा के को-फाउंडर निखिल कामथ ने  अपनी बात कही है. उन्‍होंने कहा कि उन्‍होंने कहा कि अगर पूंजीवाद ही आगे बढ़ने का रास्‍ता है तो हमें प्रतियोगिता को आगे बढ़ाना चाहिए. हर किसी के लिए हर किसी से प्रतियोगिता करना सहज होना चाहिए. नारायण मुर्ति के बयान पर अभी तक कई कारोबारी अपनी बात कह चुके हैं. 
क्‍या बोले निखिल कामथ? 
इस मामले में अपनी बात कहते हुए आज भी दुनिया के कई देशों में 4 दिन काम करने का कल्‍चर है. उन्‍होंने ये कहा कि ये वो देश हैं जहां समाजवाद का असर सबसे ज्‍यादा  है. इसे लेकर उन्‍होंने कहा कि समाजवाद का ये रूप पूंजीवाद के बराबर काम नहीं करता है. 
उनके बड़े भाई ने कही थी ये बात 
निखिल के बड़े भाई नितिन कामथ ने 2021 में ट्वीट करके ये बात कही थी कि हमारी कंपनी 6 बजे ड्यूटी ऑवर के खत्‍म होने के बाद और छुटिटयों के सभी चैट को बंद कर रही है. उन्‍होंने ये भी बताया था कि कैसे ब्‍याज दरों की व्‍यवस्‍था भारत के विकास में बाधा डाल सकती है. उन्‍होंने कहा अमेरिका में ब्‍याज दरें 1000-1500 प्रतिशत बढ़ गई होंगी लेकिन वो भारत में भी बढ़ी हैं. उन्‍होंने कहा कि अगर ब्‍याज दरें यही बनी रहती हैं तो उसका असर खपत पर पड़ सकता है. 
भारत की कहानी पेश करने का नायाब तरीका
उन्‍होंने कहा कि भारत की कहानी को दुनिया के लेवल पर बहुत अच्‍छे से पेश करने के लिए उन्‍होंने सरकार की प्रशंसा भी की. उन्‍होंने ये भी कहा कि अगर हमें अपनी आईपी इंटेलीजेंस पॉवर को बढ़ाना है तो हमें रिसर्च में ज्‍यादा निवेश बढ़ाना पड़ेगा. उन्‍होंने कहा कि अभी भी आईपी निर्माण का ज्‍यादा हिस्‍सा भारत के बाहर हो रहा है. हमें आईपी निर्माण पर ज्‍यादा ध्‍यान देने की जरूरत है. 
KPIL ने वित्त वर्ष 24 की दूसरी तिमाही के लिए नतीजे जारी कर दिए हैं और कंपनी के प्रॉफिट में गिरावट देखने को मिली है.
KPIL (कल्पतरु प्रोजेक्ट्स इंटरनेशनल लिमिटेड) ने हाल ही में वित्त वर्ष 24 की दूसरी तिमाही के लिए नतीजे जारी कर दिए हैं. वित्त वर्ष 24 की दूसरी तिमाही के नतीजे जारी करने के दौरान कंपनी ने जानकारी दी है कि कंपनी के प्रॉफिट में लगभग 8% की गिरावट देखने को मिली है. 
प्रॉफिट गिरा कमाई बढ़ी
आपको बता दें कि सितंबर 2023 में खत्म हुई तिमाही के दौरान कंपनी के खर्च में बढ़ोत्तरी देखने को मिली है और इसी वजह से कंपनी के नेट प्रॉफिट में 8% जितनी गिरावट देखने को मिली है. गिरावट के बाद कंपनी का नेट प्रॉफिट लगभग 90 करोड़ रुपयों पर पहुंच गया जबकि साल भर पहले यानी सितंबर 2022 में कंपनी का नेट प्रॉफिट 98 करोड़ रुपये हुआ करता था. कंपनी द्वारा यह जानकारी मीडिया के साथ साझा की गई एक प्रेस रिलीज में दी गई है. लेकिन दूसरी तरफ कंपनी की कुल आय में बढ़ोत्तरी देखने को मिली है. कंपनी की कमाई बढ़कर 4,530 करोड़ रुपयों पर पहुंच गई है जबकि पिछले साल इसी क्वार्टर के दौरान कंपनी की कमाई 3808 करोड़ रुपए हुआ करती थी. 
इस प्रॉफिट में हुई बढ़ोत्तरी
कंपनी की सिर्फ कमाई में ही नहीं, बल्कि खर्चों में भी बढ़ोत्तरी देखने को मिली है. कंपनी के खर्च पिछले साल इसी क्वार्टर में 3,659 करोड़ रुपए हुआ करते थे लेकिन इस साल दूसरी तिमाही के दौरान इसमें बढ़ोत्तरी देखने को मिली है और खर्च बढ़कर 4398 करोड़ रुपयों पर पहुंच गया है. अगर कंपनी के स्टैंडअलोन प्रॉफिट की बात करें तो कंपनी के नेट प्रॉफिट में लगभग 9% की बढ़ोत्तरी देखने को मिली है. साल भर पहले कंपनी का स्टैंडअलोन प्रॉफिट 104 करोड़ रुपए हुआ करता था जबकी इस साल दूसरी तिमाही के दौरान 9% की बढ़ोत्तरी के साथ यह 113 करोड़ रुपयों के स्तर पर जा पहुंचा है. 
ऑर्डर बुक में भी हुई वृद्धि
स्टैंडअलोन आधार पर सिर्फ कंपनी का प्रॉफिट ही नहीं बल्कि कंपनी की कमाई भी बढ़ी है. कंपनी की स्टैंडअलोन कमाई में भी वृद्धि देखने को मिली है. पिछले साल कंपनी की स्टैंडअलोन कमाई 3,308 करोड़ रूपए करती थी जबकि इस साल यह 3869 करोड़ रुपयों पर पहुंच गई है. कंपनी एक अन्य बयान जारी करते हुए यह भी कहा है कि कंपनी की ऑर्डर बुक अभी 47,040 करोड़ रुपयों पर स्थिर है, जिसका मतलब ये है कि कंपनी की ऑर्डर बुक में लगभग 22% की वृद्धि देखने को मिली है.
 
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उन्‍होंने बताया कि ये भारत का सबसे आकर्षक शहर है. यहां हर रोज 1 से 2 लाख तक पर्यटक आते हैं. उन्‍होंने कहा कि ये शहर उन्‍हें हमेशा से ही आकर्षित करता रहा है. 
दुनिया में हर कारोबारी का उसके व्‍यवसाय को नजदीक से जानने का या कहें सीखने का अपना अनुभव होता है. कोई किसी शहर से कुछ सीखता है तो कोई विदेशों से कुछ सीखता है. इसी कड़ी में फ्यूचर ग्रुप के प्रमुख किशोर बियानी ने कहा है कि अगर आपको रिटेल कारोबार की बारिकीयों को समझना है तो आपको बनारस जाना चाहिए. उन्‍होंने कहा कि वो सीनियर लेवल पर अपने अधिकारियों को बनारस ही भेजते हैं. उन्‍होंने ये बात यूट्यूबर के साथ एक शो में कही. 
आखिर क्‍यों जाना चाहिए बनारस? 
किशोर बियानी ने इस पॉडकास्‍ट शो में कहा कि बनारस एक बहुत ही सांस्‍कृतिक शहर है यहां हर रोज 1 लाख से 2 लाख तक पर्यटक आते हैं. इस शहर में आपको बुनाई, भोजन और संगीत मिलता है. यहां अगर किसी सड़क पर अंडरगारमेंट मिलते हैं तो अंडरगारमेंट ही मिलेंगे. उनके इन्‍हें डिजाइन करने का जो तरीका वो बहुत नायाब है. उन्‍होंने कहा कि मैं बनारस से बेहद ही आकर्षित हूं. अगर किसी को भी भारत को जानना है तो उसे बनारस जाना चाहिए. इस शो में किशोर बियानी ने इसे सबसे आकर्षक शहर बताया. 
किसी भी शहर से बहुत कुछ सीखा जा सकता है
किशार बियानी ने इस पॉडकास्‍ट शो में कि आप नागपुर को देख लीजिए. इस शहर में आंकाक्षाएं काफी कम हैं. यहां की आबादी ज्‍यादा है, मध्‍यम वर्ग की संख्‍या ज्‍यादा है, लेकिन लोगों में आकांक्षा का स्‍तर पूणे, नासिक, इंदौर से कम है. उन्‍होंने हैदराबाद को साउथ का पंजाब कहते हुए कहा कि ये शहर फिल्‍मों, संपत्ति और कपड़ों के मामले में जबरदस्‍त खपत वाला है. उन्‍होंने कहा कि हैदराबाद और अहमदाबाद ऐसे शहर हैं जिन्‍होंने सबसे ज्‍यादा बदलाव देखे हैं. उन्‍होंने कहा कि बैंग्‍लुरु में कुछ भी नया नहीं है. 
हैदराबाद में करना चाहेंगे लॉन्‍च 
किशोर बियानी हैदराबाद की तारीफ करते हुए यहीं नही रूके. उन्‍होंने कहा कि वो अपने अधिकांश लॉन्‍च हैदराबाद में करना चाहेंगे. उन्‍होंने कहा कि हमारे पास हैदराबाद में एक स्‍टोर था वो 500 करोड़ रुपये से ज्‍यादा का कारोबार करता था. उस स्‍टोर के लिए हमारा EBITDA 50 करोड़ रुपये से ज्‍यादा था. उन्‍होंने कहा कि पंजाब में लोगों को जो नहीं चाहिए होता है वहां वो लोग वो भी लेते हैं. उन्‍होंने कहा ये ऐसा शहर है जहां मीडिल क्‍लॉस नहीं है यहां केवल हाई क्‍लॉस है और लेबर क्‍लॉस है.
 
'शार्क टैंक इंडिया' की जज गजल अलघ और उनके पति वरुण अलघ ने 2016 में स्किन केयर कंपनी मामाअर्थ की शुरुआत की थी.
स्किन केयर कंपनी मामाअर्थ (Mamaearth) के आईपीओ को जबरदस्त रिस्पांस मिला है. इस आईपीओ का निवेशक लंबे समय से इंतजार कर रहे थे और जैसे ही IPO ओपन हुआ, बोली लगाने वालों की भीड़ उमड़ आई. अपने आखिरी दिन तक आईपीओ 7.60 गुना सब्सक्राइब हो गया था. Mamaearth का आईपीओ 31 अक्टूबर को खुला था और 2 नवंबर को बंद हो गया. Mamaearth की पैरेंट कंपनी होनासा कंज्यूमर (Honasa Consumer) 1,701 करोड़ रुपए जुटाने के लिए आईपीओ लेकर आई है.
7 नवंबर को होगा आवंटन
होनासा कंज्यूमर (Honasa Consumer) ने अपने IPO के लिए 2,88,99,514 शेयरों को बोली के लिए रखा था, जिसके बदल में उसे 21,97,73,878 शेयरों के लिए बोलियां मिलीं हैं. नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII) की कैटेगरी में कंपनी को 4.01 गुना अधिक सब्सक्रिप्शन मिला है. जबकि रिटेल का कोटा 1.31 गुना अधिक सब्सक्राइब हुआ है. IPO के तहत मामाअर्थ के शेयरों का आवंटन 7 नवंबर को होगा और लिस्टिंग 10 नवंबर को होने की उम्मीद है. कंपनी के IPO में प्राइज बैंड 308 से 324 रुपए प्रति शेयर रखा गया था.
2016 में हुई थी शुरुआत
मामाअर्थ की पैरेंट कंपनी Honasa Consumer को रियलिटी शो 'शार्क टैंक इंडिया' की जज गजल अलघ और उनके पति वरुण अलघ ने 2016 में शुरू किया था. वरुण और गजल अलघ के अलावा कंपनी के अन्य निवेशकों में Evolvence, Fireside Ventures, Stellaris Venture Partners, Snapdeal के फाउंडर कुणाल बहल, बॉलीवुड अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी कुंद्रा और रोहित कुमार बंसल शामिल हैं. कंपनी फेशवॉश, शैम्पू, हेयर ऑयल जैसे टॉक्सिक फ्री प्रोडक्ट बनाती है. शिल्पा शेट्टी ने भी आईपीओ के जरिए कंपनी में अपनी कुछ हिस्सेदारी बेची है. 
Ashneer ने भी लगाया पैसा
मामाअर्थ के आईपीओ में अश्नीर ग्रोवर ने भी आवेदन किया है. रियल्टी शो शार्क टैंक इंडिया के पूर्व जज अशनीर ग्रोवर (Ashneer Grover) ने Mamaearth की पूरी टीम को उनके IPO के ओवरसब्सक्राइब होने के लिए बधाई देने के साथ ही यह भी बताया कि उन्होंने भी मामाअर्थ के आईपीओ के लिए आवेदन किया है.
 
रिलायंस रिटेल की सब्सिडियरी कंपनी, रिलायंस ब्यूटी एंड पर्सनल केयर ने अरविंद फैशंस के ब्यूटी ब्रैंड को खरीदने के लिए एग्रीमेंट किया है.
रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) लगातार अपना कारोबार बढ़ा रहे हैं. पिछले कुछ वक्त में उन्होंने कई कंपनियों में हिस्सेदारी खरीदी है और कई अंतर्राष्ट्रीय ब्रैंड्स से हाथ मिलाया है. अब अंबानी अरविंद फैशंस (Arvind Fashions) के अरविंद ब्यूटी ब्रैंड्स (Arvind Beauty Brands) को खरीदने जा रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रिलायंस रिटेल (Reliance Retail) की सब्सिडियरी कंपनी, रिलायंस ब्यूटी एंड पर्सनल केयर (Reliance Beauty & Personal Care) ने इसके लिए अरविंद फैशंस के साथ एक शेयर परचेज एग्रीमेंट किया है.
कितने में हुई ये डील?
अरविंद फैशंस, अरविंद ब्यूटी ब्रैंड्स में अपनी पूरी इक्विटी हिस्सेदारी 99.02 करोड़ रुपए में रिलायंस को बेचने जा रहा है. हालांकि यह लेनदेन 216 करोड़ रुपए की एंटरप्राइज वैल्यू पर पूरा हुआ, जिसका इस्तेमाल पूरी इक्विटी हिस्सेदारी की बिक्री के साथ ही बकाया लोन के रीपेमेंट के लिए किया जाएगा. अहमदाबाद बेस्ड अरविंद फैशंस की तरफ से कहा गया है कि समझौते की औपचारिकताएं पूरी होने के बाद अरविंद ब्यूटी ब्रैंड्स उसकी सहायक कंपनी नहीं रहेगी. अरविंद ब्यूटी ब्रैंड्स का कुल टर्नओवर पिछले वित्त वर्ष में 336.7 करोड़ रुपए रहा था, जो अरविंद फैशंस के कुल कंसॉलिडेटेड रिवेन्यु का करीब 7.60 फीसदी है.
उड़ान पर कंपनी के शेयर
पिछले वित्त वर्ष में अरविंद ब्यूटी ब्रैंड्स की नेटवर्थ 10.6 करोड़ थी, जो इसकी पैरेंट कंपनी यानी अरविंद फैशंस की कंसॉलिडेटेड नेटवर्थ का करीब 1 प्रतिशत है. वहीं, अरविंद फैशंस की बात करें, तो कंपनी का मार्केट कैपिटलाइजेशन 4,634.2 करोड़ रुपए है. सितंबर तिमाही में अरविंद फैशंस का प्रमोटर होल्डिंग मुख्य रूप से 36.8 प्रतिशत पर बरकार रहा था. उधर, ARVIND FASHIONS के शेयर इस डील की खबर के बाद से उड़ान पर हैं. आज कंपनी के शेयर करीब छह फीसदी की तेजी के साथ 344 रुपए पर बंद हुए हैं. पिछले 5 कारोबारी दिनों में इस शेयर ने 5.44% का रिटर्न दिया है.

सर्वे रिपोर्ट में वर्क प्रेशर के साथ-साथ हेल्‍थ को लेकर अलग-अलग देशों में स्‍टडी की गई है. दोनों ही पक्षों में भारत की स्थिति बहुत बेहतर देखने को नहीं मिली है. 
हाल ही में इंफोसिस के फाउंडर नारायण मूर्ति ने कहा था कि अगर हमें दुनिया की नंबर वन इकोनॉमी बनना है तो हमारे युवाओं को 70 घंटे काम करना होगा. उनके इस बयान पर इंडस्‍ट्री के कई दिग्‍गजों ने अपनी बात कही थी. लेकिन अब एक सर्वे निकलकर सामने आया है जो कहता है कि दुनियाभर के युवाओं में भारतीय सबसे ज्‍यादा थक रहे हैं. इस लिस्‍ट में भारत के बाद जापान का नंबर है. 
क्‍या कहता है ये पूरा सर्वे? 
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मैकिन्‍से हेल्‍थ इंस्‍टीट्यूट की रिपोर्ट बताती है कि भारत के युवाओं को अपने वर्कप्‍लेस पर कोई 59 प्रतिशत काम का प्रेशर है. इस सर्वे में 18 से 24 साल के युवा कर्मचारियों के अलावा सभी गैर प्रबंधन कर्मचारियों ने इस प्रेशर की जानकारी दी है. वहीं अगर सबसे कम थकान या कहें बर्नआउट की बात करें तो वो मध्‍य एशिया में देखने को मिला है. वहां कर्मचारियों का बर्नआउट मात्र 9 प्रतिशत रहा है. जबकि दुनिया भर में बर्नआउट का औसत स्‍तर 20 प्रतिशत था. 
भारत के बाद कौन से देश में ज्‍यादा है वर्क बर्नआउट? 
मैकिन्‍से हेल्‍थ इंस्‍टीट्यूट की रिपोर्ट के अनुसार इसमें भारत 61 प्रतिशत के साथ नंबर वन पर है जबकि दूसरे नंबर पर जापान है. यहां के युवा भी भारत के युवाओं के समान बर्नआउट के शिकार हैं. यहां का औसत 61 प्रतिशत है. इसके बाद तीसरे नंबर पर आता है स्विटजरलैंड. यहां भी बनआउट का स्‍तर पर एवरेज बर्नआउट से कुछ ही ज्‍यादा है. समूची दुनिया में एवरेज बर्नआउट जहां 20 प्रतिशत है वहीं स्विटजरलैंड में ये 22 प्रतिशत है. 
कर्मचारियों के स्‍वास्‍थ्‍य पर क्‍या कहती है ये रिपोर्ट? 
मैकिन्‍से हेल्‍थ इंस्‍टीट्यूट की रिपोर्ट में कर्मचारियों की हेल्‍थ को लेकर भी विस्‍तार से बताया गया है. रिपोर्ट कहती है कि दुनिया भर में कर्मचारियों के स्‍वास्‍थ्‍य को लेकर हुए परीक्षण में भारत तुर्की के बाद दूसरे नंबर पर है. सर्वे एजेंसी ने 30 हजार कर्मचारियों के स्‍वास्‍थ्‍य की जांच की है. रिपोर्ट कह रही है कि कर्मचारियों की भलाई का आंकलन शारीरिक, मानसिक, और सामाजिक स्‍तर पर किया गया है. इस आंकलन की रिपोर्ट कह रही है कि जापान मात्र 25 प्रतिशत के साथ सबसे निचले स्‍थान पर रहा है. तुर्की 78 प्रतिशत के साथ सबसे ऊपर आया है जबकि भारत 76 प्रतिशत और चीन 75 प्रतिशत के साथ तीसरे नंबर पर है. जबकि स्‍वास्‍थ्‍य के मामले में दुनिया का औसत 57 प्रतिशत रहा है. 
किन कर्मचारियों का स्‍वास्‍थ्‍य रहा है बेहतर? 
इस सर्वे रिपोर्ट में ये भी निकलकर सामने आया है कि लगभग 250 कर्मचारियों से ज्‍यादा वाली बड़ी कंपनियों के का हेल्‍थ स्‍कोर छोटी कंपनियों के मुकाबले ज्‍यादा रहा है. सर्वे की फाइंडिंग ये भी कह रही है कि छोटे कर्मचारियों के मुकाबले प्रबंधकों की स्‍वास्‍थ्‍य रिपोर्ट बेहतर रही है. रिपोर्ट ये भी कह रही है कि जिन कर्मचारियों के पास सकारात्‍मक काम का अनुभव रहा है उनका स्‍वास्‍थ्‍य बेहतर देखा गया है. उनका प्रोडक्टिविटी भी बेहतर देखी गई है.  
 
कंपनी के मुनाफे में 361 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. जबकि कंपनी के EBITDA पर नजर डालें तो इसमें 18 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. 
टॉयर बनाने वाली कंपनी एमआरएफ (MRF) ने अपनी दूसरी तिमाही के नतीजों को जारी कर दिया है. दूसरी तिमाही में कंपनी के शुद्ध मुनाफे में 571.9 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ है. वहीं अगर पिछले साल की समान तिमाही में कंपनी के मुनाफे पर नजर डालें तो ये 123.9 करोड़ रुपये रहा था. पिछले साल के मुकाबले कंपनी के मुनाफे में 361 प्रतिशत की ग्रोथ देखने को मिली है. वहीं इस तिमाही के दौरान रेवेन्‍यू की बात करें तो वो 6 प्रतिशत बढ़कर 6087.56 करोड़ रुपये तक जा पहुंचा है. यही रेवेन्‍यू पिछले साल इसी तिमाही में 5719 करोड़ रुपये था. इसे देखते हुए बोर्ड ने प्रति शेयर तीन रुपये लाभांश देने की घोषणा की है. 
कैसा रहा कंपनी का EBITDA? 
लखटकिया शेयर वाली कंपनी के नतीजों पर अगर गौर करें तो कंपनी के मुनाफे में तो बढ़ोतरी हुई ही है लेकिन EBITDA में भी जबर्दस्‍त इजाफा हुआ है. कंपनी का EBITDA इस बार ये बढ़कर 1157 करोड़ रुपये तक जा पहुंचा है. वहीं अगर ऑपरेटिंग मार्जिन पर नजर डालें तो 1038 बेसिस प्‍वॉइंट बढ़कर 18.6 प्रतिशत हो गया है. इसी इजाफे को देखते हुए कंपनी ने अपने शेयर धारकों को 3 रुपये प्रति शेयर का डिविडेंड देने का ऐलान किया है. 
कंपनी के शेयर का रहा ये हाल? 
वहीं कंपनी के नतीजों के जारी होने के दिन शेयर में गिरावट देखने को मिली है. शुक्रवार दोपहर को कंपनी का शेयर 108544 रुपये की कीमत पर बिकवाली कर रहा था. कंपनी के शेयर में 1.77 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिल रही थी. कंपनी का शेयर आज 110749. 80 पर खुला था. दिन में नतीजे आने के बाद शेयर में मामूली बढ़ोतरी देखने को मिली और ये 111800 तक के स्‍तर तक गया. लेकिन उसके बाद इसमें कमी देखने को मिल रही है. 
MRF के शेयर की कीमत है एक लाख रुपये
टॉयर बनाने वाली कंपनी MRF के शेयर की कीमत 1 लाख रुपये से ज्‍यादा है. एमआरएफ देश में अकेली ऐसी कंपनी है जिसके शेयर की कीमत 1 लाख रुपये से ज्‍यादा है. एमआरएफ ने ये मुकाम इस साल ही हासिल किया है. कंपनी टॉयर बनाने की श्रेणी में एक अग्रणी कंपनी है. 
रेमंड लिमिटेड के चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर गौतम हरि सिंघानिया ने कहा है कि अधिग्रहण हमारे इंजीनियरिंग बिजनेस की ग्रोथ को मजबूत करेगा.
रेमंड ग्रुप (Raymond Group) ने कुछ नए सेक्टर्स में उतरने का ऐलान किया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ग्रुप एयरोस्पेस, डिफेंस और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EV) कंपोनेंट्स बिजनेस में उतरने जा रहा है. दरअसल, रेमंड ग्रुप, मैनी प्रिसिजन प्रोडक्ट्स लिमिटेड (MPPL) में बड़ी हिस्सेदारी खरीदकर इन सेक्टर्स में एंट्री ले रहा है. ग्रुप ने 59.25% हिस्सेदारी के लिए 682 करोड़ रुपए में डील की है. 
इस तरह होगी डील पूरी
रेमंड ग्रुप की इस बड़ी डील की जानकारी आम होते ही रेमंड लिमिटेड के शेयरों में उछाल देखने को मिला है. खबर लिखे जाने तक कंपनी के शेयर करीब 4% की तेजी के साथ 1,879.05 रुपए पर कारोबार कर रहे थे. MPPL में हिस्सेदारी खरीदने की डील के मौजूदा वित्त वर्ष में पूरा होने की उम्मीद है. रेमंड ग्रुप ने बताया है कि इस अधिग्रहण को कर्ज और आंतरिक स्रोतों के जरिए पूरा किया जाएगा. इस डील के बाद भी ग्रुप का नेट कैश पॉजिटिव रहेगा. MPPL की देश में 11 मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटीज हैं. एमपीपीएल का निर्यात योगदान 70 प्रतिशत है और वित्तवर्ष 23 में कंपनी ने 13 प्रतिशत EBITDA मार्जिन के साथ कुल राजस्व में लगभग 750 करोड़ रुपए कमाए थे.
रेमंड को है ये उम्मीद 
रेमंड का मानना है कि इस अधिग्रहण से उसके मौजूदा इंजीनियरिंग बिजनेस को मजबूती मिलेगी. रेमंड लिमिटेड के चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर गौतम हरि सिंघानिया ने कहा है कि यह अधिग्रहण हमारे इंजीनियरिंग बिजनेस की ग्रोथ को मजबूत करेगा. साथ ही, इससे एयरोस्पेस, डिफेंस और इलेक्ट्रिकल व्हीकल्स जैसे तेजी से बढ़ते सेगमेंट में एंट्री की राह खुलेगी. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रेमंड का MPPL का अधिग्रहण JK फाइल्स एंड इंजीनियरिंग लिमिटेड की इकाई रिंग प्लस एक्वा लिमिटेड के जरिए होगा. नई सब्सिडियरी में रेमंड की हिस्सेदारी 66.3 प्रतिशत होगी. 
इस पर है ग्रुप का जोर
बता दें कि रेमंड ग्रुप हाल के वर्षों में अपने व्यवसाय का पुनर्गठन कर रहा है और नए कारोबार में प्रवेश करने पर जोर दे रहा है. इस साल की शुरुआत में, ग्रुप ने अपना Consumer Care Business गोदरेज को बेच दिया था. इससे पहले उसने अपने लाइफस्टाइल बिजनेस को अलग कर दिया था. ग्रुप रियल एस्टेट कारोबार में भी उतर चुका है. अब उसने मैनी प्रिसिजन प्रोडक्ट्स लिमिटेड में हिस्सेदारी खरीदकर एयरोस्पेस, डिफेंस और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EV) कंपोनेंट्स बिजनेस में उतरने का ऐलान भी कर दिया है.
 
लार्सन एंड टुब्रो ने अपनी सब्सिडियरी कंपनी LTIEL को फ्रांस की एक कंपनी के हाथों बेच दिया है. इस डील के अगले साल तक पूरा होने की उम्मीद है.
इंजीनियरिंग और कंस्ट्रक्शन सेक्टर की दिग्गज कंपनी लार्सन एंड टुब्रो (L&T) ने अपनी सब्सिडियरी में पूरी हिस्सेदारी बेच दी है. कंपनी ने एलएंडटी इंफ्रास्ट्रक्चर इंजीनियरिंग लिमिटेड (LTIEL) का सौदा फ्रांस की कंपनी Stup Consultants Pvt Ltd के साथ किया है. 60 करोड़ रुपए में हुई ये डील अगले साल की शुरुआत में पूरी हो जाएगी. बता दें कि L&T ने हाल ही में अपने तिमाही नतीजे जारी किए हैं, जो काफी अच्छे रहे हैं. 
शेयर पर्चेज एग्रीमेंट किया
शेलार्सन एंड टुब्रो (L&T) लिमिटेड ने स्टॉक एक्सचेंज को भेजी जानकारी में बताया है कि उसने फ्रांस की Assystem SA की सब्सिडियरी Stup कंसल्टेंट प्राइवेट लिमिटेड के साथ एक शेयर पर्चेज एग्रीमेंट किया है, जिसके तहत कंपनी एलएंडटी इंफ्रास्ट्रक्चर इंजीनियरिंग लिमिटेड में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेच रही है. 60 करोड़ रुपए में हुई इस डील के 15 जनवरी 2024 या उससे पहले पूरा होने की उम्मीद है. LTIEL एक लीडिंग इंजीनियरिंग कंसल्टिंग फर्म है, जो सभी तरह के ट्रांसपोर्टेशन इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के लिए कंसल्टिंग सर्विस प्रदान करती है. 
इतनी हुई थी इनकम
अभी ये साफ नहीं हो सका है कि L&T ने अपनी अपनी सब्सिडियरी कंपनी को आखिर क्यों बेचा. हालांकि, माना जा रहा है कि L&T अपने कंस्ट्रक्शन बिजनेस पर ज्यादा फोकस करना चाहती है. LTIEL की डील से मिले पैसों का इस्तेमाल कंपनी अपनी विस्तार योजनाओं पर करेगी. LTIEL की आय 92 करोड़ रुपए थी और ये वित्त वर्ष 2022-23 में एलएंडटी की कुल कंसोलिडेटेड इनकम का महज 0.05 फीसदी थी. L&T के तिमाही नतीजों की बात करें, तो जुलाई-सितंबर तिमाही के दौरान कंपनी के कंसोलिडेटेड रिवेन्यु में 19% की ग्रोथ दर्ज हुई है. इसके साथ यह 51,024 करोड़ रुपए हो गया है, जबकि पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में कंपनी का रिवेन्यु 42,763 करोड़ रुपए था. इसी तरह, L&T के प्रॉफिट में भी उछाल आया है. सालाना आधार पर कंपनी का प्रॉफिट 45% बढ़कर 3,223 करोड़ हो गया है. पिछले साल की समान तिमाही में यह आंकड़ा 2,228 करोड़ था.
तुलसी तांती ने अपनी कपड़ा कंपनी की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए 1995 में पवन ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में कदम रखा और सुजलॉन एनर्जी की स्थापना की थी.
भारत के विंडमैन कहे जाने वाले तुलसी तांती की कंपनी सुजलान एनर्जी (Suzlon Energy) के शेयर लगातार नए रिकॉर्ड बना रहे हैं. बीते कुछ समय में ही इस शेयर ने अपने निवेशकों को मालामाल कर दिया है. Suzlon के शेयरों की आगे बढ़ने की रफ्तार देखकर आपको मारुति सुजुकी का वो पुराना विज्ञापन याद आ जाएगा, जिसमें एक छोटा सिख बच्चा अपने पिता से कहता है – 'की करूं पेट्रोल खत्म ही नहीं होता'. सुजलान एनर्जी का रिटर्न रूपी माइलेज लगातार बढ़ता जा रहा है. 
1 साल में 325.47% का रिटर्न
सुजलान एनर्जी के शेयर आज यानी शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में ही 5% की उछाल के साथ BSE पर नौ साल के उच्चतम स्तर 34.44 रुपए पर पहुंच गए थे. बाद में इसमें हलकी नरमी देखने को मिली. खबर लिखे जाने तक कंपनी के शेयर 34.25 रुपए पर ट्रेड कर रहे थे. पिछले 5 कारोबार सत्रों में यह शेयर 6.20%, एक महीने में 27.09% और 1 साल में 325.47% का रिटर्न दे चुका है. कंपनी की वित्तीय स्थिति की बात करें, तो उसने साल-दर-साल आधार पर टैक्स के बाद अपने मुनाफे में 82% की उछाल दर्ज की है. खर्चों में गिरावट के चलते सितंबर तिमाही में Suzlon ने 102 करोड़ रुपए का प्रॉफिट कमाया है. जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह आंकड़ा 56 करोड़ रुपए था.
मार्केट वैल्यू में 335% वृद्धि
एक रिपोर्ट के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2023-24 में अब तक, सुजलॉन एनर्जी की मार्केट वैल्यू भी 335% बढ़ चुकी है. हालांकि, इस दूसरी तिमाही में कंपनी का नेट रिवेन्यु जरूर 1,430 करोड़ रुपये से घटकर 1,417 करोड़ रुपए हो गया है. बता दें किसितंबर में क्रिसिल रेटिंग्स ने सुजलॉन एनर्जी की बैंक सुविधाओं पर अपनी रेटिंग को सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ अपग्रेड किया था. सुजलॉन एनर्जी का पॉजीटिव आउटलुक इस उम्मीद को दर्शाता है कि कंपनी की कंसॉलिडेटेड प्रॉफिटेबिलिटी आगे और बढ़ेगी.
ऐसे हुई थी कंपनी की स्थापना
सुजलान एनर्जी की स्थापना तुलसी तांती ने की थी. दरअसल, उन्होंने अपनी कपड़ा कंपनी की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए 1995 में पवन ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में कदम रखा और सुजलॉन एनर्जी की स्थापना की. तांती ने रिन्यूएबल एनर्जी की कल्पना ऐसे समय में की थी, जब इस सेक्टर में इंटरनेशनल प्लेयर्स का दबदबा था. 2003 में सुजलॉन को 24 टर्बाइनों की आपूर्ति के लिए डैनमार एंड एसोसिएट्स से अपना पहला ऑर्डर मिला था. सुजलॉन एनर्जी पुणे बेस्ड इंडियन मल्टीनेशनल विंड टर्बाइन मैन्युफैक्चरर है. 2001 में तांती ने अपना कपड़ा व्यवसाय को बेच दिया. पिछले साल अहमदाबाद से पुणे जाते समय तांती को कार्डियक अरेस्ट आया था, जिससे उनका निधन हो गया था.
 
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