इजरायल और हमास के बीच जंग (Israel-Hamas War) लगातार बढ़ती जा रही है. इस बीच न केवल इजरायल में जानमाल के साथ सार्वजनिक संपत्ति को क्षति पहुंची है, बल्कि हमास पर जवाबी हमले में गाजा पट्टी का हाल बदहाल हो गया है. खबर लिखे जाने तक इजरायल के हमले में गाजा पट्टी (Gaza Patti) में मरने वालों की संख्या बढ़कर 1354 हो गई थी. भले इस जंग में इजरायल भारी पड़ रहा है, लेकिन युद्ध से उसके बजट पर बड़ा असर दिखाई देगा. Israel-Hamas War पर आने वाले खर्च को लेकर देश के सबसे बड़े बैंक हापोलिम (Bank Hapoalim) ने अपना अनुमान जाहिर किया है, जो बहुत बड़ा है.
Hamas के खात्मे पर 27 अरब शेकेल का खर्च!
दो देशों के बीच कोई भी युद्ध अर्थव्यवस्था के लिए चुनौतीपूर्ण होता है. इजरायल और हमास के बीच जारी जंग को लेकर भी अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने चेतावनी दी है कि इजराइल और हमास के बीच युद्ध (Israel-Hamas War) न केवल दो देशों की इकोनॉमी को प्रभावित करने वाला है, बल्कि इससे विश्व अर्थव्यवस्था (Global Economy) को नई अनिश्चितता का सामना करना पड़ सकता है. टाइम्स ऑफ इजरायल की रिपोर्ट में Israel Palestine Conflict को लेकर एक आर्टिकल छापा गया है, जिसमें बैंक हापोलिम के हवाले से इस जंग में देश पर आने वाले खर्च का अनुमान लगाया गया है. Bank Hapoalim के मुताबिक, हमास के साफये में इजरायल को करीब 27 अरब इजरायली शेकेल का भारी-भारकम खर्च आएगा.
इजरायली हमले से गाजा पट्टी पर भारी तबाही
अगर बैंक होपोलिम द्वारा जताए गए अनुमान को अमेरिकी डॉलर के तौर पर देखें तो 6.8 अरब डॉलर का खर्च आ सकता है और इस आंकड़े को अगर भारतीय रुपये में कन्वर्ट करें तो इजरायल का होने वाला कुल खर्च लगभग 56,804 करोड़ रुपये होगा. हालांकि, फिलहाल इस बात का अनुमान जाहिर करना जल्दबाजी होगी कि ये जंग कितना लंबी चलेगी. क्योंकि, Gaza Patti पर रॉकेट-बमबारी के जरिए इजरायल ने भारी तबाही मचाई है और अब करीब 3,00,000 रिजर्व फोर्स के जवानों ने जमीनी स्तर पर गाजा में तबाही मचाने के लिए घेराबंदी कर ली है.
बजट घाटे में हो सकता है इतना इजाफा
बैंक हापोलिम के मुख्य रणनीतिकार मोदी शफरीर (Modi Shafrir) के हवाले से इस रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्तमान में इजरायल-हमास युद्ध के जो हालात हैं, उसे देखते हुए मोटे तौर पर ये अनुमान जताया जा सकता है कि मौजूदा युद्ध की लागत इजरायल के सकल घरेलू उत्पाद (Israel GDP) का कम से कम 1.5 फीसदी तक हो सकती है. यानी इसका मतलब है कि आने वाले समय में देश के बजट घाटे में जीडीपी का कम से कम 1.5% की वृद्धि होगी.
पुराने युद्धों पर आए खर्च पर आधारित है अनुमान
इजरायली बैंक हापोलिम का ये अनुमान दरअसल, Israelद्वारा लड़े गए पिछले युद्धों के दौरान हुए खर्च पर आधारित है. इंस्टीट्यूट फॉर नेशनल सिक्योरिटी स्टडीज (INSS) के मुताबिक, 2006 में दूसरा लेबनान युद्ध 34 दिन तक चला था और इस पर 9.4 अरब शेकेल यानी करीब 19,776 करोड़ रुपये का खर्च आया था. उस समय ये देश की जीडीपी का अनुमानित 1.3 फीसदी था. इसके बाद दिसंबर 2008 से जनवरी 2009 तक ऑपरेशन कास्ट लीड (Operation Cast Lead) की लागत 3.3 अरब शेकेल्स यानी करीब 6,943 करोड़ रुपये आंकी गई थी.
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