लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए आईसीसी व बीसीसीआई समेत स्टेडियम एसोसिएशन व यूपी क्रिकेट एसोसिएशन को याचिका की प्रति देने को कहा है. याचिका में लखनऊ के अटल बिहारी वाजपेई इकाना स्टेडियम में होने वाले क्रिकेट के वर्ल्ड कप मैचों के महंगे टिकटों का मामला उठाया गया है.
यह आदेश न्यायमूर्ति एआर मसूदी व न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने विपुल त्रिपाठी की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर पारित किया है. याचिका में कहा गया है कि इकाना स्टेडियम में होने वाले कुछ मैचों के टिकट 499 रुपये के हैं. जबकि कुछ के 3250 रुपये न्यूनतम कीमत के टिकट बेचे जा रहे हैं. याची का कहना है कि देश में विश्वकप हो रहा है. ऐसे में हर व्यक्ति इस ऐतिहासिक पल का का साक्षी बनाना चाहता है, लेकिन महंगी टिकटें होने के कारण लोग इससे वंचित हो रहे हैं जो संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है. याचिका में कहा गया है कि टिकट की कीमतें तय करने में कोई पारदर्शिता नहीं बरती जा रही है.
याचिका का केंद्र सरकार की ओर से विरोध किया गया. कहा गया कि आईसीसी, बीसीसीआई व स्टेडियम एसोसिएशन निजी पार्टी है जिस पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है. यह भी दलील दी गई कि निजी पक्षकारों के विरुद्ध संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत जनहित याचिका पोषणीय नहीं है. न्यायालय ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के उपरांत परित अपने आदेश में कहा कि केंद्र सरकार की ओर से याचिका की पोषणीयता पर आई आपत्ति पर संबंधित पक्षकारों को भी सुना जाना चाहिए. उक्त टिप्पणियों के साथ न्यायालय ने याची को अनुमति दी कि वह याचिका की प्रति आईसीसी, बीसीसीआई व अन्य पक्षकारों को मुहैया कराए. मामले की अगली सुनवाई 19 अक्टूबर को होगी.
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