नई दिल्ली. अडानी ग्रुप सीमेंट सेक्टर में तेजी से पैर पसार रहा है. एसीसी (ACC) और अंबुजा सीमेंट (Ambuja Cement) का अधिग्रहण करने के बाद अडानी देश की दूसरी सबसे बड़ी सीमेंट कंपनी बन गई थी. इसके बाद अडानी ने कुछ अन्य सीमेंट कंपनियों को भी अपने ग्रुप में शामिल किया. अब यह जयपी ग्रुप की सीमेंट कंपनी (Jaypee cement) को खरीदने की तैयारी में है, जिसकी वार्षिक उत्पादन क्षमता 90 लाख टन से अधिक है. मनीकंट्रोल ने सूत्रों के हवाले से इसकी एक एक्सक्लूसिव रिपोर्ट छापी है. महत्वपूर्ण यह है कि जयपी सीमेंट दिवालियापन की प्रक्रिया से गुजर रही है. कर्जदाताओं ने जून की शुरुआत में इसके खिलाफ इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (IBC) के तहत कार्यवाही शुरू की थी.
आईसीआईसीआई बैंक द्वारा याचिका दायर होने के लगभग छह साल बाद 3 जून को इलाहाबाद में नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड को कॉर्पोरेट दिवालियापन के लिए स्वीकार कर लिया. सूत्रों के अनुसार, जयप्रकाश के खिलाफ कार्यवाही शुरू होने के चलते अडानी ग्रुप के लिए कंपनी के सीमेंट एसेट्स के साथ अन्य संबंधित एसेट्स जैसे चूना पत्थर की खदानें और एक पावर प्लांट का अधिग्रहण करने का अवसर खुल गया है.
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सूत्रों ने बताया कि दिवालियापन प्रक्रिया के शुरुआती दिन हैं. जयप्रकाश एसोसिएट्स को पिछले महीने एनसीएलटी में स्वीकार किया गया था और इसकी क्रेडिटर्स की समिति की अब तक केवल एक बार ही बैठक हुई है. यह 29 जून को हुई थी. जयप्रकाश एसोसिएट्स के एसेट्स की बिक्री की कोई औपचारिक प्रक्रिया अभी तक शुरू नहीं की गई है. जयप्रकाश एसोसिएट्स के खिलाफ चल रही दिवालियापन प्रक्रिया से तेजी से सीमेंट उद्योग में प्रतिस्पर्धा बढ़ने की संभावना है. यह उद्योग बड़े खिलाड़ियों जैसे अल्ट्राटेक, अडानी, डालमिया और जेएसडब्ल्यू सीमेंट को देशभर में एसेट्स के लिए प्रतिस्पर्धा करते देख रहा है.
डालमिया भारत से पूरा नहीं हो पाया सौदा
डालमिया भारत ने 2022 में जयप्रकाश के साथ 5,666 करोड़ रुपये के एंटरप्राइज वैल्यू पर उसकी सीमेंट और बिजली एसेट्स को खरीदने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. हालांकि, जयप्रकाश एसोसिएट्स के लेंडर्स से मंजूरी नहीं मिलने के कारण यह सौदा अब तक पूरा नहीं हो पाया. इसके अलावा, जयपी सुपर डल्ला एसेट के लिए जयप्रकाश और अल्ट्राटेक सीमेंट के बीच चल रही मध्यस्थता के चलते भी देरी हो सकती है.
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डालमिया के प्रस्तावित सौदे में भिलाई में 22 लाख टन सीमेंट क्षमता, मध्य प्रदेश के बाबूपुर में 33 लाख टन क्लिंकर, और उत्तर प्रदेश में जेपी सुपर का अधिग्रहण शामिल था. मध्य प्रदेश के निगरी में 2 एमटीपीए सीमेंट प्लांट के मामले में डालमिया को लीज अवधि के भीतर किसी भी समय यूनिट खरीदने के विकल्प के साथ 7 साल का लीज समझौता करना था. जेपी सुपर संपत्ति का अधिग्रहण जयप्रकाश एसोसिएट्स और अल्ट्राटेक सीमेंट के बीच मध्यस्थता मामले के नतीजे पर निर्भर था.
मध्य प्रदेश के निगरी के सालाना 20 लाख टन क्षमता वाले सीमेंट प्लांट के लिए डालमिया सात साल का लीज एग्रीमेंट करने वाली थी. इस एग्रीमेंट के तहत लीज पीरियड के दौरान यह यूनिट को कभी भी खरीदने का विकल्प था. जेपी सुपर के अधिग्रहण का रास्ता जयप्रकाश एसोसिएट्स और अल्ट्राटेक सीमेंट के बीच मध्यस्थता मामले के नतीजे पर निर्भर था. अल्ट्राटेक सीमेंट ने कुछ महीने पहले कहा था कि उसने मध्यस्थता प्रक्रिया पूरी होने के बाद उत्तर प्रदेश में जयप्रकाश एसोसिएट्स की दल्ला सुपर (पूर्व नाम जेपी सुपर) सीमेंट एसेट के अधिग्रहण की योजना बनाई है. ये एसेट्स 2016 में अल्ट्राटेक और जयप्रकाश एसोसिएट्स के बीच हुए सौदे का हिस्सा थीं.
अडानी ग्रुप ने कहां तक फैलाए पंख
अडानी ग्रुप की बात करें तो अंबुजा सीमेंट्स ने पिछले महीने हैदराबाद के पेन्ना सीमेंट को खरीदने का ऐलान किया था. यह डील 10,422 करोड़ रुपये के एंटरप्राइज वैल्यू पर हुई. 2 साल के भीतर ही अडानी ग्रुप की यह तीसरी सीमेंट कंपनी है. पेन्ना के अडानी ग्रुप में आने से कंपनी की सीमेंट क्षमता में सालाना 1.4 करोड़ टन का इजाफा होगा. इसकी कुल क्षमता सालाना 8.9 करोड़ टन हो जाएगी. इससे पहले, दिसंबर 2023 में अडानी ग्रुप ने 5,185 करोड़ रुपये के सौदे में सांघी इंडस्ट्रीज में हिस्सेदारी ली. इससे अडानी ग्रुप के पोर्टफोलियो में सालाना 61 करोड़ टन क्षमता जुड़ गई.
Tags: Adani Group, Cement factory, Gautam Adani
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