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Kedarnath Dham: उत्तराखंड के चारधाम में से एक केदारनाथ धाम के कपाट आज से श्रद्धालुओं के लिए खोले जा रहे हैं. यह भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है. बाबा केदारनाथ के कपाट हर वर्ष शीतकाल में भारी बर्फबारी के चलते बंद कर दिए जाते हैं. ग्रीष्म ऋतु के आगमन के साथ ही केदारनाथ के कपाट खुलते हैं और बाबा अपने भक्तों को आशीर्वाद देने आते हैं. आइए जानते हैं कि इस बार बाबा केदारनाथ धाम के कपाट खुलने का समय क्या है और बाबा के दरबार में हाजिरी लगाने जा रहे श्रद्धालुओं को किन बातों का ध्यान रखना है.
कितने बजे खुलेंगे केदारनाथ धाम के कपाट?
इस साल केदारनाथ धाम के कपाट 2 मई को सुबह 7 बजे श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे. इस पावन अवसर पर भक्तों को बाबा केदार के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त होगा. मंदिर परिसर में जयकारों की गूंज और ढोल-नगाड़ों की मधुर ध्वनि से वातावरण भक्तिमय हो जाएगा.
इस बार केदारनाथ मंदिर को विशेष रूप से सजाया गया है. ऋषिकेश, गुजरात से आई पुष्प समिति द्वारा मंदिर को 108 क्विंटल फूलों से सजाया गया है. इसका नजारा बहुत ही भव्य है. मंदिर की इस आकर्षक सजावट को देखने के लिए भी श्रद्धालु बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं. रंग-बिरंगे फूलों की सुगंध और भव्यता मंदिर को और भी दिव्य आभा प्रदान कर रही है.
बाबा केदार की शुभ यात्रा
कपाट खुलने से पूर्व बाबा केदारनाथ की पवित्र डोली निकाली जाती है. 27 अप्रैल को ऊखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर में भैरवनाथ जी की पूजा के साथ इस यात्रा का शुभारंभ हुआ. इसके बाद बाबा केदार की डोली ने केदारनाथ धाम के लिए प्रस्थान किया. बाबा केदार की डोली को 28 अप्रैल को गुप्तकाशी पहुंची. 29 अप्रैल को फाटा और 30 अप्रैल को डोली गौरीकुंड पहुंच गई थी. 1 मई को बाबा केदार की डोली केदारनाथ पहुंची.
क्या है कपाट खुलने की विधि?
केदारनाथ मंदिर के कपाट खोलने की विधि पुरानी परंपराओं के अनुसार तय होती है. कपाट खोले जाने के समय मंदिर प्रांगण में मौजूद भक्त बाबा केदारनाथ का जयकारा लगाते हैं. इस दौरान ढोल नगाड़े बजाए जाते हैं. इसके बाद भक्तों को बाबा केदारनाथ के दर्शन की अनुमति दे दी जाती है. केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के बाद भक्त विधि पूर्वक बाबा केदारनाथ का पूजन करते हैं.
केदारनाथ जाने वाले श्रद्धालु ये चीजें जरूर साथ रखें
केदारनाथ यात्रा कठिन लेकिन आध्यात्मिक अनुभवों से भरी होती है. इस पवित्र तीर्थ की यात्रा करते समय नीचे दी गई चीजें जरूर साथ रखें, ताकि आपकी यात्रा सुरक्षित और सुखद बनी रहे.
खाद्य सामग्री
अपने साथ पानी, पैक्ड फूड, एनर्जी बार, चॉकलेट और रेडी टू ईट आइटम जरूर रखें ताकि रास्ते में ऊर्जा बनी रहे.
सही प्रकार के जूते
पहाड़ी रास्तों पर चप्पल या सैंडल पहनना सुरक्षित नहीं होता. मजबूत ट्रैकिंग शूज़ या अच्छे ग्रिप वाले जूते जरूर पहनें.
गरम कपड़े
उत्तराखंड के ऊँचाई वाले इलाकों में रातें बेहद ठंडी होती हैं. ऊनी कपड़े, टोपी, मफलर और दस्ताने साथ रखें.
मेडिकल किट
दवाइयां, बैंडेज, पेन रिलीफ स्प्रे, डायजेस्टिव टैबलेट्स और अन्य जरूरी दवाइयों की एक मेडिकल किट अपने साथ जरूर रखें.
पालकी या खच्चर की सुविधा
अगर आप थकान या स्वास्थ्य कारणों से ट्रैक नहीं कर पा रहे हैं, तो पालकी या खच्चर की सहायता जरूर लें. यह सुविधा यात्रा मार्ग में उपलब्ध रहती है.
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