अडानी-हिंडनबर्ग मामले में बुधवार को आए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के फैसले से एक ओर जहां अडानी ग्रुप (Adani Group) की कंपनियों के शेयरों में फिर से तूफानी तेजी देखने को मिल रही है, तो वहीं अरबपति गौतम अडानी (Gautam Adani) ने इस फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए कहा है कि ‘सच की जीत हुई है, सत्यमेव जयते.’ गौरतलब है कि बीते साल 24 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था और आज 3 जनवरी को इसे सुनाते हुए साफ कर दिया है कि उसका मार्केट रेग्यूलेटर सेबी (SEBI) की जांच में दखल देने का कोई इरादा नहीं है.
‘बुरे दौर में साथ खड़े रहने वालों का शुक्रिया’
Gautam Adani ने अपने एक्स अकाउंट से सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तुरंत बाद एक पोस्ट शेयर की. इस पोस्ट में अडानी ग्रुप के चेयरमैन ने लिखा है, ‘सर्वोच्च न्यायालय के इस फैसले से साफ पता चलता है कि सत्य की जीत हुई है…सत्यमेव जयते.’ इसके साथ ही गौतम अडानी ने आगे लिखा कि मैं उन सभी लोगों का आभारी हूं, जो हमारे साथ खड़े रहे. भारत की विकास गाथा में हमारा विनम्र योगदान जारी रहेगा… जय हिन्द.
The Hon’ble Supreme Court’s judgement shows that:
Truth has prevailed.
Satyameva Jayate.
I am grateful to those who stood by us.
Our humble contribution to India’s growth story will continue.
Jai Hind.
सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में क्या कहा?
अब बात करें बुधवार को अडानी-हिंडनबर्ग मामले (Adani-Hindenburg Case) में सुनाए गए फैसले के बारे में विस्तार से, तो बता दें सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सेबी की जांच में दखल देने से इनकार कर दिया है. तीन जजों चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ जस्टिस, जे बी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने कहा कि Sebi की जांच उचित है और वह इस मामले की जांच के लिए सक्षम एजेंसी है. मार्केट रेग्यूलेटर ने अडानी हिंडनबर्ग मामले में 24 में से 22 मामलों की जांच पूरी कर ली है और अभी भी 2 मामलों की जांच बची है, जिन्हें पूरा करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने तीन महीने की मोहलत दी है.
हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप पर उठाए थे सवाल
24 नवंबर को इस मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने मार्केट रेग्यूलेटर सेबी की जांच और एक्सपर्ट्स कमेटी पर उठाए जा रहे सवालों को नकारते हुए अपना फैसला सुरक्षित रखा था. गौलतलब है कि अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म ने साल 2023 में 24 जनवरी को अडानी ग्रुप को लेकर एक रिसर्च रिपोर्ट पब्लिश की थी, जिसमें अडानी की कंपनी के शेयर ओवरवैल्यूएड होने और कीमतों में हेरफेर समेत समूह पर कर्ज को लेकर गंभीर सवाल उठाए गए थे. इसके बाद उनकी कंपनी के शेयरों में 85 फीसदी तक की गिरावट आई थी और महज दो महीने में ही गौतम अडानी की संपत्ति (Gautam Adani Networth) 60 अरब डॉलर तक घट गई थी.
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