हथियार, गोला-बारूद, फाइटर प्लेन, युद्धपोत… इजरायल की मदद के लिए अब तक क्या-क्या भेज चुके हैं अमेरिका-जर्मनी – Aaj Tak

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Israel ने कहा कि वह अपने 3 लाख सैनिकों को गाजा पट्टी के नजदीक तैनात कर रहा है. ताकि वहां से हमास का खात्मा किया जा सके. संभव है कि जल्द ही गाजा पट्टी में ग्राउंड अटैक शुरू हो जाए. ऐसे में सैनिकों को हर तरह की जरूरत होगी. हथियार, गोलियां, बम, बारूद, रसद, दवाएं, प्लेन, हेलिकॉप्टर, मिसाइलें, रॉकेट्स सबकुछ. (फोटोः गेटी)
हथियारों से लैस पहला अमेरिकी डिफेंस कार्गो प्लेन इजरायल में उतर चुका है. जर्मनी ने भी छोटे हथियारों और ड्रोन के जरिए इजरायल की मदद करने का वादा किया है. अमेरिका ने 24 घंटे पहले घोषणा की थी कि वह अपने दोस्त इजरायल की मदद के लिए हवाई सुरक्षा, समुद्री सुरक्षा तो प्रदान करेगा ही. हथियारों का जखीरा भी भेजेगा. (फोटोः यूएस आर्मी)
इजरायल को अमेरिका ज्यादा से ज्यादा इंटरसेप्टर मिसाइल दे रहा है. ताकि इजरायल के Iron Dome एयर डिफेंस सिस्टम को कमी न पड़े. हमास के रॉकेट हमलों के बाद इजरायल का आयरन डोम डिफेंस सिस्टम लगातार काम कर रहा है. क्योंकि हमास के साथ-साथ लेबनान से भी रॉकेट और छोटी मिसाइलों से हमला हो रहा है. ऐसे में यह डिफेंस सिस्टम काम कर रहा है. (फोटोः गेटी)
 
आयरन डोम एयर डिफेंस सिस्टम में इंटरसेप्टर मिसाइलें तामीर लगती हैं. इनकी सप्लाई कम न हो इसलिए अमेरिका लगातार इनकी मदद कर रहा है. इजरायल में कई दशकों से अमेरिकी हथियार आ रहे हैं. चाहे वह क्लोज कॉम्बैट के लिए छोटे हथियार, बम, स्नाइपर राइफल हों या फिर एंटी टैंक मिसाइलें. (फोटोः गेटी)
अभी को जो स्थिति है, उसमें इजरायल को सबसे ज्यादा जरूरत छोटे हथियारो की है. ताकि उनकी इन्फ्रैंट्री और एयर डिफेंस इंटरसेप्टर्स को किसी तरह की कमी न पड़े. इनकी मदद से ही आम नागरिकों को हमास आतंकियों और लेबनॉन के हमलों से बचाया जा सकता है. साथ ही मिलिट्री कमांड और कंट्रोल सेंटर्स के लिए यंत्र चाहिए. (फोटोः गेटी)
उधर, जर्मनी ने भी कहा है कि वह इजरायल को हथियारों का सपोर्ट करेगा. साथ ही वह अपने दो हेरोन ड्रोन देगा. ताकि इसकी मदद से इजरायल अपनी सीमाओं पर नजर रख सके. आतंकियों की रेकी कर उन्हें खत्म कर सके. जर्मनी के रक्षा मंत्री बोरिस पिस्टोरियन ने यह बात नाटो मीटिंग से पहले कही. (फोटोः विकिपीडिया)
बोरिस ने कहा कि हम इजरायल को दो ड्रोन देंगे. इजरायल ने इनकी मांग की थी. इसके अलावा हथियारों का पूरा जखीरा दिया जाएगा. विमानों से मदद पहुंचाएंगे. जल्द ही बाकी जरूरतों को लेकर इजरायली सरकार से बातचीत होगी. हम इजरायल के साथ खड़े हैं. हमास की करतूत के लिए उन्हें सजा मिलना जरूरी है. 
इतना ही नहीं, अमेरिका ने भूमध्यसागर में अपने दो स्ट्राइक ग्रुप खड़े कर दिए हैं. अमेरिका ने दुनिया का सबसे बड़ा एयरक्राफ्ट कैरियर यूएसएस गेराल्ड आर फोर्ड इजरायल के पास समुद्र में खड़ा कर रखा है. अमेरिका ने कहा है कि इजरायल पर कई देशों ने एकसाथ हमला किया तो हमारी नौसैनिक फ्लीट से उन्हें करारा जवाब दिया जाएगा. (फोटोः गेटी)
अमेरिका ने इसे अलावा यूएसएस जॉर्ज वॉशिंगटन को भी इजरायल के नजदीक तैनात कर दिया है. दो स्ट्राइक ग्रुप तैनात करने का मतलब है कि किसी भी दुश्मन को उसकी औकात याद दिला देना. इन दोनों फ्लीट्स को मिलाकर 5000 सैनिक और दर्जनों फाइटर जेट्स इजरायल के सपोर्ट के लिए भूमध्यसागर में तैनात हैं. (फोटोः रॉयटर्स)
अमेरिका के इस समर्थन के बाद इजरायली रक्षा मंत्री योआव गैलेंट ने कहा अभी हम हवाई हमले कर रहे हैं. बाद में हम जमीन से भी हमले की तैयारी में है. हमारे सैनिक गाजा पट्टी के किनारे तैनात हो चुके हैं. अमेरिका और जर्मनी की मदद से हम हमास का पूरा खात्मा कर पाएंगे. फिर से इस इलाके में शांति स्थापित कर पाएंगे. (फोटोः यूएस नेवी)
अमेरिकी नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि हम इजरायल को मदद कर रहे हैं. हम उनके साथ हैं. हमारे 11 नागरिक इजरायल में मारे गए हैं. वह भी हमास के हमले में. हम हमास को खत्म करने में इजरायल की हर तरह से मदद करेंगे. हमास आतंकियों को किसी भी तरह से छोड़ा नहीं जाएगा. (फोटोः AFP)
पेंटागन ने कहा कि अमेरिका के पास इतनी ताकत और क्षमता है कि वह लगातार यूक्रेन और इजरायल को हथियार भेजता रहे. साथ ही अपने देश की सुरक्षा भी कर सके. इस समय अमेरिका ने अपने प्लेन से इंटरसेप्टर मिसाइलें, पैट्रियट मिसाइलें और छोटे हथियारों का बड़ा जखीरा भेजा है. इनसे इजरायल को बड़ी मदद मिलेगी. (फोटो- यूएस नेवी)
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