Vinod Khanna Unknown Facts: सदी के महानायक अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) 70-80 के दशक में बॉक्स ऑफिस के बादशाह थे, जहां उनकी फिल्में रिलीज होते ही बॉक्स ऑफिस पर छा जाती थी. वहीं, उस दौर में सिर्फ एक बॉलीवुड एक्टर ऐसा था, जो अमिताभ को कड़ी टक्कर दिया करता था और उनका नाम था विनोद खन्ना, लेकिन फिर ऐसा क्या हुआ कि उन्हें फिल्मों से दूरी बनानी पड़ी और फिर बॉलीवुड में अमिताभ का एक तरफा राज चला.
नई दिल्ली. साल 1968 से 2015 तक फिल्मों में सक्रिय रहने वाले दिग्गज अभिनेता विनोद खन्ना (Vinod Khanna) आज भले ही हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी यादें आज भी उनके चाहने वालों के दिलों में जिंदा हैं. वह अपने जमाने के मशहूर अभिनेता हुआ करते थे. साथ ही साथ, वह उस जमाने में सबसे ज्यादा फीस पाए जाने वाले एक्टर हुआ करते थे.
आपको ये जानकर होगी कि 70 के दशक में विनोद खन्ना अकेले ऐसे अभिनेता थे, जो अमिताभ बच्चन को सीधे तौर पर टक्कर दिया करते थे. बॉलीवुड के वह एक सफल एक्टर थे, लेकिन ऐसा क्या हुआ था कि उन्हें अपने बने बनाए करियर को छोड़ना पड़ गया था और फिल्मों से दूर होना पड़ गया था. दरअसल, अपने एक इंटरव्यू उन्होंने बताया था कि उन्होंने 1978 में ही फिल्मों से संन्यास की घोषणा कर दी थी.
विनोद खन्ना के इस फैसले ने सभी को हैरान कर दिया था. उन्होंने बताया था कि उन्होंने 1978 के बाद कोई भी फिल्म साइन नहीं की थी, लेकिन उससे पहले उन्होंने जितनी भी फिल्में साइन की थी, वह उन सबकी शूटिंग पूरी करने के बाद ही बॉलीवुड को अलविदा कहा था. दरअसल, विनोद खन्ना ने अपने गुरु ओशो रजनीश के साथ अमेरिका के ओरेगॉन में नए आश्रम में रहने के लिए फिल्म इंडस्ट्री से ब्रेक ले लिया था.
इससे पहले, विनोद खन्ना ने 1970 के दशक के मध्य में अपने आध्यात्मिक गुरु ओशो (रजनीश) से मुलाकात की थी और ध्यान के लिए वीकेंड में पुणे में ओशो आश्रम का दौरा करना शुरू कर दिया था. विकिपीडिया के अनुसार, विनोद खन्ना जिन्होंने स्वामी विनोद भारती के नाम से ओशो के नव-संन्यास की दीक्षा ली थी, ने आश्रम में माली के रूप में भी काम किया था.
1986 के आसपास, अमेरिका में ओशो आश्रम का अमेरिकी सरकार के साथ मनमुटाव हो गया और वह बंद हो गया, जिसके बाद खन्ना मुंबई वापस आ गए और फिल्म उद्योग में फिर से शामिल हो गए थे. बता दें, अमिताभ और विनोद खन्ना की फिल्म 'मुकद्दर का सिकंदर' आज भी लोगों के बीच काफी मशहूर है. अपने एक इंटरव्यू में खुद विनोद खन्ना ने यह कहा था कि 70s में अमिताभ को टक्कर देने वाले वह इकलौते एक्टर थे. साथ में, दोनों ने कई फिल्में करते थे और दोनों के परफॉर्मेंस को हमेशा ही बराबर सराहा जाता था, और फिल्म की सफलता का श्रेय भी उन दोनों को बराबर दिया जाता था.
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नई दिल्ली. साल 1968 से 2015 तक फिल्मों में सक्रिय रहने वाले दिग्गज अभिनेता विनोद खन्ना (Vinod Khanna) आज भले ही हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी यादें आज भी उनके चाहने वालों के दिलों में जिंदा हैं. वह अपने जमाने के मशहूर अभिनेता हुआ करते थे. साथ ही साथ, वह उस जमाने में सबसे ज्यादा फीस पाए जाने वाले एक्टर हुआ करते थे.