मेकर्स अपनी फिल्मों का हर एक सीन परफेक्ट बनाने के लिए जी तोड़ मेहनत करते हैं. कई बार उनकी ये मेहनत रंग भी लाती है. लेकिन कई बार एडी से चोटी तक का जोर लगाने के बाद भी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर फुस्स हो जाती है. सालों पहले भी अमिताभ बच्चन की एक ऐसी फिल्म आई थी, जिसका रिकॉर्ड अब तक आरआरआर और पठान भी नहीं तोड़ पाई है.
नई दिल्ली. इंडस्ट्री में कई ऐसी फिल्में बनाई जा चुकी हैं जो पर्दे पर आई तो उन्होंने इतिहास रच दिया. सालों बाद भी कोई फिल्म उन्हें टक्कर नहीं दे पाई. अमिताभ बच्चन की भी ऐसी ही एक फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर तहलका मचा दिया था. इस फिल्म को लेकर डायरेक्शन का परफेक्शन इतना ज्यादा था कि एक सीन को फिल्माने में ही 3 साल लग गए थे.
वो मल्टीस्टरार फिल्म जब पर्द पर आई तो बॉक्स ऑफिस पर रिलीज होते ही कई रिकॉर्ड्स ब्रेक कर दिए थे. फिल्म के कई सीन पर तो काभी बारीकी से काम किया गया था, फिल्म के कुछ सीन तो ऐसे हैं जो देखने में काफी आसान लगते हैं, लेकिन उन्हें फिल्माने में सालों लग गए. डायरेक्टर ने इन सीन्स को परफेक्ट बनाने के लिए खूब मेहनत की. एक सीन को फिल्माने में तो तीन साल लग गए. इस मल्टीस्टारर फिल्म में कई बड़े स्टार्स भी नजर आए थे. वो धमाका करने वाली फिल्म 'शोले' थी.
कई रिकॉर्ड बनाकर बॉक्स ऑफिस को हिला देने वाली रमेश सिप्पी के निर्देशन में बनी साल 1975 में आई ब्लॉकबस्टर फिल्म शोले जब पर्दे पर आई तो लोगों ने इसे खूब पसंद किया था. इस फिल्म की कमाई से बॉक्स ऑफिस पर तहलका मच गया था. फिल्म की स्टारकास्ट में धर्मेंद्र, अमिताभ बच्चन, अमजद खान, असरानी, हेमा मालिनी, संजीव कुमार और जया बच्चन अहम भूमिका में नजर आए थे.
साल 1975 में आई फिल्म 'शोले' को लोग आज भी बड़े चाव से देखना पसंद करते हैं. फिल्म के एक-एक सीन से लेकर फिल्म के डायलॉग और गाने लोगों की जुबां पर आज भी है. हेमा मालिनी और धर्मेंद्र की नोंक-झोक से लेकर अमिताभ बच्चन और जया बच्चन की सादगी भरी कहानी ने लोगों के दिल में घर कर लिया था. इसी फिल्म के एक सीन को फिल्माने के लिए पूरे 3 साल लग गए थे.
दरअसल, रमेश सिप्पी अपनी इस फिल्म में किसी भी तरह की कमी को नहीं देखना चाहते थे. अपने परफेक्शन के चलते उन्होंने अमिताभ बच्चन का एक सीन फिल्माने में 3 साल लगा दिए थे जिसमें जया बच्चन लालटेन जला रही होती है और अमिताभ बच्चन माउथ ऑर्गन बजाते नजर आते हैं. इस आम से दिखने वाले सीन को फिल्माने में उस दौर में तकरीबन 3 साल लग गए थे.
दरअसल, रमेश सिप्पी जिस सीन का इंतजार कर रहे थे, वो परफेक्ट शॉट नहीं मिल पा रहा था. अमिताभ बच्चन ने खुद अपने एक इंटरव्यू में इस सीन का जिक्र किया था. उन्होंने बताया कि डायरेक्टर साहब सूर्यास्त के वक्त ये सीन शूट करना चाहते थे. 35 एमएम का फॉर्मेट फिल्म को बड़ा बनाने के लिए काफी छोटा था. उन्होंने कहा 70 एमएम और स्टीरियोफोनिक साउंड में बनाए. लेकिन विदेश से कैमरा मंगवाने के चलते फिल्म का बजट काफी बढ़ रहा था. ऐसे में शूटिंग 35 एमएम में की और उसे बाद में 70 एमएम में ब्लोअप किया गया. उन्हें इस सीन को फिल्माने में 3 साल का वक्त लग गया था.'
अक्सर सबसे ज्यादा देखी जाने वाली भारतीय फिल्मों में 'बाहुबली', 'दंगल' 'पठान', 'आरआरआर' जैसी फिल्मों का नाम आता है. लेकिन इस रिकॉर्ड में अब तक ये फिल्में बॉलीवुड की एक फिल्म से काफी पीछे हैं. IMDB के अनुमान के मुताबिक कई दशक बाद जब ये फिल्म दोबारा रिलीज हुई तो भारत में ही 15 से 18 करोड़ दर्शकों ने इसे देखा था. विदेशों में भी फिल्म ने तहलका मचा दिया था. रूस में इस फिल्म 4.8 करोड़ टिकटें और कुल मिलाकर 6 करोड़ टिकटें बेची गईं. दुनियाभर में करीब 2 करोड़ लोगों ने ये ब्लॉकबस्टर फिल्म देखी. इसी तरह 'शोले' को दुनियाभर में तकरीबन 22 से 26 करोड़ दर्शकों ने देखा.
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नई दिल्ली. इंडस्ट्री में कई ऐसी फिल्में बनाई जा चुकी हैं जो पर्दे पर आई तो उन्होंने इतिहास रच दिया. सालों बाद भी कोई फिल्म उन्हें टक्कर नहीं दे पाई. अमिताभ बच्चन की भी ऐसी ही एक फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर तहलका मचा दिया था. इस फिल्म को लेकर डायरेक्शन का परफेक्शन इतना ज्यादा था कि एक सीन को फिल्माने में ही 3 साल लग गए थे.