धरती-अग्नि-जल-आकाश, गौतम अडानी करेंगे सबका विकास, जानें कैसे? – TV9 Bharatvarsh

स्टॉक मार्केट में तेजी के बाद अडानी ग्रुप के ऊपर से हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट से उभरे संकट के बादल छंटते नजर आ रहे हैं. अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयर्स में सुधार हो रहा है और अब उनका कारोबारी समूह फ्यूचर के नए प्लान भी बना रहा है. अडानी ग्रुप मुख्य तौर पर देश के कोर सेक्टर में काम करता है, जो इंफ्रास्ट्रक्वर से जुड़े हैं. आने वाले समय में समूह अलग-अलग परियोजनाओं के माध्यम से करीब 7 लाख करोड़ रुपए का कैपिटल एक्सपेंडिचर करने जा रहा है, जो देश के ‘धरती-अग्नि-जल-आकाश’ का विकास करने में काम आएंगे.
अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी ने अगले 10 सालों में समूह के कैपिटल एक्सपेंडिचर प्लान पर 7 लाख करोड़ रुपये खर्च करने की बात कही है. वहीं इस प्लान से जुड़ी कुछ जानकारियां शेयर की हैं. इस निवेश की मदद से देश के बुनियादी ढांचे के विकास को मदद मिलेगी, वहीं ग्रुप की मौजूदगी को इस सेक्टर में और मजबूत करेगी.
गौतम अडानी से ‘एक्स’ (ट्विटर) पर ग्रुप के फ्यूचर प्लान्स की जानकारी दी. इनमें से अधिकतर ‘ग्रीन इनिशिएटिव’ हैं. अडानी ग्रुप का कहना है कि देश के सबसे बड़े इंफ्रा ग्रुप में से एक होने के चलते उसने अगले 10 वर्षों में सात लाख करोड़ रुपये से अधिक निवेश करने की योजना बनाई है.
ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज आने वाले दिनों में माइनिंग (धरती) , हवाईअड्डा, रक्षा एवं एविएशन (आकाश), सोलर मैन्यूफैक्चरिंग(अग्नि), सड़क, मेट्रो और रेल, डेटा सेंटर्स (धरती) और अन्य रिसोर्स मैनेजमेंट (जल) में अपने कारोबार का विस्तार करेगी. वहीं ग्रुप अपने प्रमुख काम पोर्ट मैनेजमेंट (जल) को मुख्य तौर पर अपने ‘ग्रीन इनिशिएटिव’ का हिस्सा बनाने पर ध्यान दे रहा है.
गौतम अडानी का कहना है कि उनकी कंपनी 2025 तक देश में एकमात्र कार्बन-न्यूट्रल बंदरगाह ऑपरेटर होगी. ये एक नया नेशनल पैरामीटर होगा. वहीं कंपनी 2040 तक अडानी पोर्ट एसईजेड को ‘जीरो कार्बन एमिशन’ इकाई बनाने में सक्षम हो जाएगी. समूह अपने पोर्ट पर सभी क्रेन्स को इलेक्ट्रिक बना रहा है. सभी डीजल गाड़ियों को बैटरी व्हीकल में कन्वर्ट करने पर ध्यान दे रहा है. वहीं 1000 मेगावाट की इंटरनल रीन्यूएबल एनर्जी कैपेसिटी डेवलप कर रहा है.
अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन (एपीएसईजेड) देश की सबसे बड़ी बंदरगाह ऑपरेटर कंपनी है. इसके पोर्ट देश के पूर्वी और पश्चिमी दोनों तटों पर हैं. अपने ‘ग्रीन इनिशिएटिव’ के तहत कंपनी मैंग्रोव प्लांटेशन को बढ़ावा देगी और इसे वित्त वर्ष 2024-25 तक 5000 हेक्टेयर क्षेत्र में फैलाएगी.
उन्होंने कहा कि अडानी ग्रुप गुजरात के कच्छ रेगिस्तान में ‘दुनिया का सबसे बड़ा ग्रीन एनर्जी पार्क’ बना रहा है. यह इस रेगिस्तान के 726 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है. यह मेगा प्रोजेक्ट अंतरिक्ष से भी दिखाई देता है. ये देश के दो करोड़ से अधिक घरों को बिजली की आपूर्ति करने के काम आएगा. वहीं एक अन्य परियोजना का निर्माण मुंद्रा में भी हो रहा है. अडानी टोटल गैस बड़े पैमाने पर देश के शहरों में अपना विस्तार कर रही है.

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