गाने की शूटिंग के बाद रातभर रोई थीं स्मिता पाटिल: की थी अपनी मौत की भविष्यवाणी, आखिरी ख्वाहिश थी- सुहागन की… – Dainik Bhaskar

हिंदी सिनेमा की सबसे मंझी हुई एक्ट्रेस कही जाने वालीं स्मिता पाटिल को गुजरे 37 साल बीत चुके हैं। स्मिता अगर आज होतीं तो अपना 68वां जन्मदिन मना रही होतीं। लेकिन अफसोस की बात ये है कि 1986 में बेटे प्रतीक बब्बर को जन्म देने के ठीक 15 दिनों बाद डिलीवरी कॉम्प्लिकेशन्स से उनकी मौत हो गई। वो भी महज 31 साल की उम्र में।
स्मिता अक्सर अपने हाथों की लकीरें देखकर कहती थीं कि मैं जल्दी मर जाऊंगी, क्योंकि मेरी जीवन रेखा छोटी है। यही कारण था कि उन्होंने अपनी आखिरी ख्वाहिश सबको बता रखी थी। ख्वाहिश थी कि उन्हें मौत के बाद उन्हें एक नई-नवेली दुल्हन की तरह सजाकर विदा किया जाए।
आज स्मिता पाटिल की 68वीं बर्थ एनिवर्सरी पर जानिए उनकी जिंदगी के कुछ अनछुए पहलूओं की कहानी-
स्वतंत्रता सेनानी थे स्मिता के पिता शिवाजीराव गिरधर पाटिल
17 अक्टूबर 1955 को आज से ठीक 68 साल पहले स्मिता पाटिल का जन्म पुणे, महाराष्ट्र में हुआ। उनके पिता शिवाजीराव गिरधर पाटिल एक सोशल वर्कर थे, जो स्वतंत्रता संग्राम का हिस्सा रहे थे।
स्मिता को बचपन से ही अभिनय में रुचि थी, जिसके लिए उन्होंने थिएटर ग्रुप के साथ मिलकर कई प्ले में हिस्सा लिया था। उनका ज्यादातर समय फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में बीतता था। जब उनके पिता कैबिनेट मिस्टर के लिए चुनाव में उतरे तो स्मिता का पूरा परिवार पुणे से बॉम्बे (अब मुंबई) शिफ्ट हो गया।
दूरदर्शन की न्यूजरीडर थीं स्मिता पाटिल
यूनिवर्सिटी ऑफ मुंबई से लिटरेचर की पढ़ाई करने के बाद स्मिता पाटिल ने दूरदर्शन में बतौर न्यूजरीडर काम करना शुरू कर दिया। सांवली रंगत, घने बाल और बड़ी-बड़ी आंखों वाली स्मिता बेहद सुंदर थीं तो उन्हें FTII की फिल्म तीव्र मध्यम में एक छोटी सी भूमिका मिल गई। उस फिल्म की बदौलत उस जमाने के मशहूर फिल्ममेकर श्याम बेनेगल ने उन्हें बच्चों की फिल्म चंद्रदास चोर में काम करने का मौका दिया। स्मिता का अभिनय इतना दमदार था कि इसके बाद उन्हें फिल्म मंथन में काम मिला।
आगे वो बाजार, आज की आवाज और मंडी जैसी बेहतरीन फिल्मों में नजर आकर टॉप एक्ट्रेसेस में शामिल हुईं। स्मिता पाटिल पैरेलल सिनेमा की सबसे नामी एक्ट्रेस रहीं, जिन्होंने करियर की शुरुआत में कई कमर्शियल फिल्में ठुकरा दी थीं।
गाने की शूटिंग के बाद रातभर रोई थीं स्मिता पाटिल
साल 1982 में स्मिता पाटिल अमिताभ बच्चन के साथ फिल्म नमक हलाल में नजर आई थीं। इस फिल्म का गाना आज रपट जाएं चार्टबस्टर रहा। गाने में दोनों की केमिस्ट्री भी चर्चा में रही हालांकि इस गाने की शूटिंग के बाद स्मिता पाटिल रात भर रोई थीं। गाने में स्मिता को बारिश में सफेद साड़ी में भीगते हुए सीन देने पड़े थे, लेकिन वो इसमें सहज नहीं थीं। जब डायरेक्टर के कहने पर उन्हें सीन देने पड़े तो उन्होंने जैसे-तैसे शूटिंग तो की, लेकिन वो घर जाकर रातभर रोती रहीं। उन्हें ऐसे सीन देने पर काफी पछतावा भी रहा।
अमिताभ बच्चन के कहने पर दोबारा की थी शूटिंग
स्मिता सेट पर अगले दिन काफी गुमसुम थीं। जब अमिताभ ने वजह पूछी तो उन्होंने खुलकर बता दिया। अमिताभ ने उन्हें समझाया कि ये स्क्रिप्ट की डिमांड थी, जिसके लिए उन्हें परेशान नहीं होना चाहिए। अमिताभ के समझाने पर स्मिता भी समझ गईं और दोबारा वही सीन करने के लिए राजी हो गईं। दोबारा स्मिता ने बिना झिझक के सारे सीन शूट किए। इसके बाद से ही स्मिता और अमिताभ की दोस्ती गहरी हो गई।
कुली के सेट पर अमिताभ के साथ हुए हादसे की पहले ही कर दी थी भविष्यवाणी
बेहतरीन एक्ट्रेस होने के साथ-साथ स्मिता पाटिल को ज्योतिष विद्या का भी अच्छा ज्ञान था। एक दिन फिल्म शक्ति की शूटिंग के दौरान अमिताभ बच्चन ने स्मिता पाटिल को अपना हाथ दिखाया था। उस समय स्मिता ने कहा था कि आपके साथ एक गंभीर दुर्घटना हो सकती है।
अमिताभ ने उस समय उनकी बातों पर गौर नहीं किया। इसके ठीक 2 दिन बाद ही अमिताभ बच्चन ने फिल्म कुली की शूटिंग शुरू कर दी। वो बैंगलोर में थे। जैसे ही शूटिंग कर वो होटल लौटे तो देर रात होटल के फोन की घंटी बजी। फोट उठाया तो घबराई हुई आवाज में सुनाई दिया, ‘हैलो, अमित जी? मैं बंबई से स्मिता पाटिल बोल रही हूं… आप कैसे हैं? मैंने अभी-अभी एक बुरा सपना देखा कि आपको चोट लग गई है! आप ठीक हैं न?’
स्मिता इतनी घबराई हुई थीं कि उन्होंने सबसे पहले अमिताभ बच्चन के घर प्रतीक्षा कॉल किया था। वहीं से उन्हें होटल का नंबर मिला था। जब अमिताभ ने उन्हें बताया कि वो सकुशल हैं, तो स्मिता ने कहा, ‘ऊपरवाले की दया है कि आप ठीक हैं… प्लीज, अपना ख्याल रखिएगा!’
अमिताभ सो गए और अगले दिन 26 जुलाई 1982 को समय से पहले फिल्म कुली के सेट पर पहुंच गए। संयोग ये था कि ठीक उसी दिन एक एक्शन सीन शूट करते हुए अमिताभ को गहरी चोट लगी, जिसमें डॉक्टरों द्वारा उन्हें क्लिनिकली डेड घोषित कर दिया गया।
स्मिता पाटिल और राज बब्बर की मुलाकात 1982 की फिल्म भीगी पलकें के सेट पर हुई थी। दोनों चंद मुलाकातों में ही करीब आ गए। दोनों के रिश्ते की खबर सामने आने के बाद स्मिता विवादों में आ गई थीं, क्योंकि उनके लिए राज बब्बर ने पत्नी नादिरा को छोड़ दिया। इसके बावजूद दोनों ने शादी कर ली।
अपनी मौत की भी भविष्यवाणी कर चुकी थीं स्मिता
स्मिता पाटिल ने मौत से कुछ महीनों पहले ही अपनी मौत की भविष्यवाणी भी की थी। उन्होंने कई बार महेश भट्ट से भी कहा था कि वो ज्यादा दिनों की मेहमान नहीं हैं, क्योंकि उनके हाथों की लकीरों में जीवन रेखा बहुत छोटी थी।
स्मिता पति राज बब्बर से भी कहती थीं कि मैं ज्यादा दिनों तक आपका साथ नहीं निभा सकूंगी। इस पर वो अक्सर गुस्से में उन्हें चुप करवा देते थे। ऐसे में स्मिता अपने मेकअप आर्टिस्ट दीपक सावंत से कहती थीं कि, मैं जब मर जाऊं तो मुझे नई-नवेली दुल्हन की तरह सजाकर मुझे उठाना।
मौत के बाद पूरी हुई थीं दो ख्वाहिशें
स्मिता पाटिल ने मौत के कुछ महीनों पहले फिल्म गोलियों का बादशाह शूट की थी। इसमें उनके साथ राजकुमार हीरो थे। एक दिन फुरसत मिलने पर वो राजकुमार से मिलने उनके मेकअप रूप पहुंच गईं। देखा तो वो लेटकर अपना मेकअप करवा रहे थे। स्मिता हैरान रह गईं, क्योंकि उन्होंने ऐसा पहले कभी नहीं देखा था। वो तुरंत अपने मेकअप रूम में गईं और मेकअप आर्टिस्ट दीपक सावंत से कहा, मुझे भी लेटकर ही मेकअप करवाना है।
दीपक ने उन्हें समझाया- लेटकर मेकअप करवाना आसान नहीं है।
स्मिता ने तुरंत जवाब दिया- लेकिन राज कुमार तो अंदर लेटकर मेकअप करवा रहे हैं।
दीपक ने फिर समझाते हुए कहा- राजकुमार की बात अलग है, वो जो चाहते हैं वही करते हैं, वो जिद्दी हैं और उनकी नकल करना ठीक नहीं है। आप ये जिद छोड़िए और बैठकर मेकअप करवाइए।
बेटे को जन्म देने के 15 दिनों बाद हुई मौत
28 नवंबर 1986 को स्मिता ने पहले बेटे प्रतीक बब्बर को जन्म दिया था। डिलीवरी के कुछ समय बाद ही उनकी हालत बिगड़ गई। ठीक 15 दिनों बाद डिलीवरी कॉम्प्लिकेशन से उनकी मौत हो गई।
संयोग ये रहा कि जब स्मिता की मौत हुई तो उन्हें तैयार करने के लिए उनके मेकअप आर्टिस्ट दीपक सावंत ही पहुंचे, जिनसे वो लेटकर मेकअप करवाने की जिद करती थीं। दीपक ने उनकी दोनों ख्वाहिशें पूरी कीं। पहली कि वो लेटकर मेकअप करवाएं और दूसरी कि उन्हें दुल्हन की तरह सजाया जाए। मौत के बाद स्मिता की 10 फिल्में रिलीज हुई थीं।
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