अब फाइनेंशियल टाइम्स ने बाकायदा सबूतों के साथ अदानी की फाइल खोली है! | No. 1 Indian Media News Portal – Bhadas4Media.com

भारत में मीडिया की अब हिम्मत और औकात नहीं है कि गौतम अडानी और मोदी सरकार की मिलीभगत को लेकर कोई सच्ची खबर छाप सके. विदेशी अखबार ही थोड़ा बहुत कभी कभार हकीकत ले आते हैं. भारत में ढेर सारे मीडिया हाउसों को खरीद लिया गया है और कइयों को धमका दिया गया है. रही सही कसर सोशल मीडिया को मैनेज करके पूरा कर दिया गया है. यहां सरकार को लेकर आलोचनात्मक लेखन को व्यूज-लाइक मिलते ही नहीं. इन सोशल मीडिया कंपनियों द्वारा ऐसा कंटेंट किसी को दिखाया जाता ही नहीं. फाइनेंसियल टाइम्स ने एक बड़े घोटाले को उजागर किया है जिस पर थोड़ी बहुत चर्चा पहले भी हुई लेकिन सब दबा दिया गया. मुल्ला मंदिर पाकिस्तान ईडी सीबीआई के नाम पर हेडलाइन बदल कर सारा कुछ ढंक दिया जाता है. फाइनेंसियल टाइम्स वाली स्टोरी पर भाई सौमित्र रॉय ने दो पार्ट में और सख्त शब्दों में लिखा है अपने वॉल पर, उसे ही थोड़ा संपादित कर भड़ास पर प्रकाशित किया गया है. पढ़ें पढ़ाएं और देश में लोकतंत्र-मीडिया के थोड़ा बहुत भी जिंदा होने का एहसास कराएं. -यशवंत, एडिटर, भड़ास4मीडिया
Soumitra Roy-
कोविड काल में कोयले की कमी तो याद ही होगी। ज्यादा पुरानी बात भी नहीं है और न ही भारत की युवा पीढ़ी और मिडिल क्लास इतने नशे में है कि सब भूल चुकी। उस कोयले की कमी में जब एक तरफ दलाल गोदी मीडिया सत्ता के सुर में भौंक रहा था, तब अदानी सेठ दुनिया का सबसे अमीर बनने के ख्वाब देख रहा था। तब अडानी ने ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर और इंडोनेशिया में 3 फर्जी कंपनियां खोली। अडानी ने सिर्फ 100 करोड़ रुपए खर्च किए और मोदी सत्ता को दिखाया कि वह देश हित में उन कंपनियों से कोयला मंगवाएगा।
मोदी सत्ता ने राज्यों पर दबाव बनाया। केंद्रीय सहायता रोकने की धमकी दी। मोदी सत्ता ने इसे आपदा में अवसर कहा। अवसर अदानी के लिए था–मोदी सत्ता की ओर से। नतीज़ा यह हुआ कि एमपी के शिवराज सिंह चौहान जैसे सीएम झुक गए। उन्हीं 100 करोड़ वाली सड़क छाप कंपनियों से 3 गुने दाम पर कोयला खरीदा गया।
मोदी सत्ता और संसद के करीब 147 माननीय खुश थे। अदानी की तिज़ोरी भर रही थी, क्योंकि कोयला तो वही खरीद रहा था। फिर इन पैसों से अदानी सेठ ने अपने शेयर्स के भाव बढ़ाए। बैंकों से और लोन लिया। नरेंद्र मोदी सरकार को सब पता था। उनकी सत्ता ने बैंकों को लोन देने के लिए बाकायदा दबाव डाला। वित्त मंत्री तो सड़क पर लोन मेला लगाकर बैठ गईं।
बैंक आज कंगाल है। अदानी फिर मालामाल है। राजस्व खुफिया निदेशालय ने मोदी सत्ता के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट में कहा कि वह अदानी के घपले की जांच में कुछ नहीं बोलेगा। मोदी सत्ता संसद में आज भी चुप है। लेकिन अब फाइनेंशियल टाइम्स ने बाकायदा सबूतों के साथ अदानी की फाइल खोली है। नरेंद्र मोदी की अदानी के साथ मिलकर इस देश को लूटने के कच्चे चिट्ठे को भी परत दर परत खोला गया है।
यह कोविड काल में लूट की महागाथा है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत की महान जनता से ताली, थाली, शंख बजवा रहे थे। देश अचानक लॉकडाउन के परदे में छिप गया था। मोदी सत्ता के मंत्री खुलेआम बाबा रामदेव की बूटी बेच रहे थे। अदानी सेठ इंडोनेशिया से दोगुने दाम पर कोयला मंगवा रहा था। मोदी सत्ता अपनी ही जनता को चूना लगा रही थी।
फाइनेंशियल टाइम्स ने 2019 से 2021 के दौरान अदानी के सिंगापुर से कोयला मंगवाने के 39 शिपमेंट्स की पड़ताल की। पाया कि जितने में कोयला खरीदा गया, उसके दोगुने दाम पर कोयला भारत आया।
भारत में सत्ता की दलाली और अपना मुनाफा काटकर अदानी ने देश को वही कोयला 3 गुने दाम पर बेचा। फिर उस घोटाले की कमाई से अपने शेयर्स के भाव 100% बढ़ा लिए। रातों–रात अरबपतियों की लिस्ट में ऊपर चढ़ता रहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उस वक्त मोर से खेल रहे थे। पीएम केयर्स की निजी गुल्लक भर रहे थे। उधर, लोगों की सांसें उखड़ रही थी। कभी ऑक्सीजन, कभी वेंटीलेटर तो कभी इंजेक्शन के लिए हाहाकार। श्मशानों की आग बुझ ही नहीं रही थी और मोदी सत्ता मौत के आंकड़ों को दबाने में जुटी थी।
फिर अचानक देश में बिजली के दाम बढ़ गए। अदानी के साथ टाटा पावर और सत्ता को दलाली खिलाने वाली कंपनियों की जिद थी। दाम बढ़ाने की। उधर, अदानी सस्ते कोयले का बिल सीधे बेचने वाले से नहीं, बल्कि एक तीसरे देश से बनवाकर मोदी सत्ता को सौंप रहा था। अब तक मोदी सत्ता, सीएजी और डीआरआई जैसे चौकीदारों का गला दबा चुकी थी। जनता मर रही थी। पिस रही थी।
मोदी के मंत्रियों के साथ गोदी मीडिया भी भौंकने लगी। बिजली के दाम बढ़ाने को जस्टिफाई किया जा रहा था। राज्यों से कहा गया कि खीसे में पैसा न हो तो भी उधार लो। महंगा कोयला खरीदो। महंगा बिजली बिल जनता से वसूलो। बिजली के दाम 3 गुना बढ़े। कोविड के हालात की मारी जनता ने एक वक्त खाकर बिजली का बिल भरा। अभी तक भर रही है।
जब भी इस देश में मिडिल क्लास के 27 करोड़ लोगों के फिसलकर गरीबी की रेखा से नीचे आने की बात की जाती है तो अदानी की लूट को भी याद करें। मुकेश अंबानी की लूट को भी, जो सस्ता तेल खरीदकर अपने ही देश की तेल कंपनियों को चूना लगा रहा है। जनता अभी भी लुट रही है।
आज मोदी सत्ता ऐसी हर लूट को उजागर करने वालों को जेल में ठूंसने की सोचती है। भारत में करप्शन को उजागर करने वाले को ही सबूत देने का कानून बना दिया है। नतीज़ा यह कि फर्जीवाड़े की रिपोर्ट विदेशों से आती हैं।
नरेंद्र मोदी की इसी मेहरबानी और उनके दोस्त गौतम अदानी की लूट ने भारत को भुखमरी सूचकांक में 125 देशों में 111वें नंबर पर ला दिया है। सोशल मीडिया पर Mark Zukarberg की धंधेबाज कंपनी सच बोलने वालों को दिखाती नहीं। लेकिन, लोग अब इस लूट को समझने लगे हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मिलीभगत को भी। तमाम चुनाव सर्वे बता रहे हैं कि 5 राज्यों के चुनाव में नतीजा 4–1 का रहने वाला है। बीजेपी के हाथ कुछ नहीं आएगा। फिर 2024 के घमासान से पहले नरेंद्र मोदी और अदानी–अंबानी की कुछ और फाइलें खुलेंगी। हर तानाशाह का अंत इसी तरह हुआ है। तवारीख गवाह है।
मोदी सरकार के कामकाज पर पुण्य प्रसून बाजपेयी का ये वीडियो भी देख सकते हैं-
व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें, नई खबरों से अपडेट रहें: Bhadas_Whatsapp_Channel
भड़ास का ऐसे करें भला- Donate
Your email address will not be published. Required fields are marked *

भड़ासConnect
मेल bhadas4media@gmail.com
-वाट्सअप चैनल Whatsapp
यूट्यूब चैनल Youtube
फेसबुक पेज Facebook
ट्वीटर पेज Twitter
-डोनेशन Support

source

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top
Join Whatsapp Group!
Scan the code