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अडानी ग्रुप पर आई हिंडनबर्ग रिपोर्ट के जांच की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है. याचिका में मांग की गई है कि इसकी जांच के लिए नई विशेषज्ञ कमेटी बनाई जाए, जिसमें वित्त, कानून और शेयर बाजार से जुड़े विशेषज्ञों को भी शामिल किया जाए.
सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका अनामिका जायसवाल की ओर से दाखिल की गई है. जिसमें ओपी भट्ट को कमेटी में शामिल किए जाने पर आपत्ति जताई गई है. दरअसल शीर्ष अदालत के आदेश के बाद इस अडानी-हिंडनबर्ग मामले की जांच के लिए कमेटी बनाई गई थी, जिसमें ओपी भट्ट को शामिल किया गया है.
याचिका में कहा गया है कि ओपी भट्ट वर्तमान कम्पनी ग्रीनको के अध्यक्ष हैं. यह कंपनी अडानी ग्रुप के साथ काम कर रही है. इससे पहले वह भारतीय स्टेट बैंक के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. ऐसे मे उन्हे समिति मे शामिल किया जाना उचित नहीं है.
इन नामों पर भी जताई गई आपत्ति
इस अर्जी में इस कमेटी में पूर्व बैंकर केवी कामथ, सिक्योरिटी लॉयर सोमशेखर सुंदरम को शामिल करने पर भी आपत्ति जताते हुए कहा कि इनके समिति में शामिल होने से उनके हितों का टकराव हो रहा है.
कमेटी में कौन-कौन शामिल?
दरअसल अडानी समूह पर लगे आरोपों की जांच करने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित पैनल में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश एएम सप्रे की अध्यक्षता में पूर्व बैंकर केवी कामथ और ओपी भट्ट के अलावा इंफोसिस के सह संस्थापक नंदन नीलेकणि, सिक्योरिटी लॉयर सोमशेखर सुंदरसन और रिटायर्ड जज जेपी देवधर को शामिल किया गया है.
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